Plasma donation and Plasma therapy in hindi
प्लाज्मा हमारे खून का सबसे बड़ा हिस्सा है। हमारे रक्त में लगभग 55% प्लाज्मा होता है, प्लाज्मा में पानी, लवण और एंजाइम होते हैं। प्लाज्मा के बारे मे विस्तार से पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें। इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे की प्लाज्मा दान क्या होता है यह कैसे किया जाता है और प्लाज्मा उपचार (Therapy) क्या होता है Plasma donation and Plasma therapy in hindi , plasma therapy meaning in hindi
Plasma Therapy (प्लाज्मा उपचार)
प्लाज्मा कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पानी, नमक और एंजाइम के साथ-साथ प्लाज्मा में भी महत्वपूर्ण घटक होते हैं। इनमें एंटीबॉडी (antibodies), क्लॉटिंग कारक (clotting factors) और प्रोटीन एल्ब्यूमिन (proteins albumin) और फाइब्रिनोजेन (fibrinogen) शामिल हैं। प्लाज्मा में उपस्थित इन घटकों का उपयोग जलने, आघात और अन्य चिकित्सा आपात स्थितियों से पीड़ित लोगों के जीवन को बचाने में किया जाता है।
प्लाज्मा में प्रोटीन और एंटीबॉडी का उपयोग ऑटोइम्यून विकार (autoimmune disorders) और हीमोफिलिया (hemophilia) जैसी बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता है।
Plasma donation (प्लाजाम दान)
प्लाज्मा दान की प्रक्रिया कुछ हद तक रक्त दान के समान ही है इसमें सबसे पहले आपकी जांच की जाती है जिसमें यह सुनिश्चित किया जाता है की आप प्लाज्मा दान करने के योग्य हैं या नहीं। उसके बाद प्लाज्मा एकत्र करने की प्रक्रिया शुरू की जाती है
इस प्रक्रिया के दौरान, आपका रक्त एक हाथ में नस में रखी सुई के माध्यम से खींचा जाता है। एक विशेष मशीन आपके रक्त के नमूने से प्लाज्मा और अक्सर प्लेटलेट्स को अलग करती है। इस प्रक्रिया को प्लास्मफेरेसिस (Plasmapheresis) कहा जाता है। शेष लाल रक्त कोशिकाओं और अन्य रक्त घटकों को फिर आपके शरीर में थोड़ा नमक के सोल्यूशन saline (salt) solution के साथ वापस भेज दिया जाता है।
क्या आप जानते हैं?
ब्लड ग्रुप AB वाले लोगों में प्लाज्मा डोनेशन की सबसे ज्यादा डिमांड होती है। क्यूंकी AB ग्रुप का प्लाज्मा कोई भी ब्लड ग्रुप का व्यक्ति ग्रहण कर सकता है। लेकिन रक्त के मामले में सर्वदाता रक्त समूह रुधिर वर्ग “O” होता है यानि o समूह की लाल रक्त कोशिकाओं को कोई भी ग्रहण कर सकता है।
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