संज्ञा के भेद (Types of Noun in hindi) – Sangya ke Bhed
इस पोस्ट में संज्ञा के भेद (Types of Noun in hindi) – Sangya ke Bhed के विषय में सभी जानकारी विस्तार से दी गई है।
संज्ञा के भेद (Types of Noun in hindi) – Sangya ke Bhed
संज्ञा को हम दो प्रकार से विभाजित कर सकते हैं
- व्युत्पत्ति के आधार पर
- अर्थ के आधार पर
व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा के भेद
व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा तीन प्रकार की होती है
- रूढ़ शब्द – ये ऐसे शब्द होते हैं जिनके हम खंड नहीं कर सकते हैं। जैसे – कृष्ण, यमुना
- यौगिक शब्द – ये शब्द दो या दो से अधिक शब्दों के मेल से बने होते हैं यौगिक शब्दों के खंड करके नए शब्द बनाए जा सकते हैं । जैसे – पनघट, धर्मशाला
- योगरूढ़ शब्द – ये शब्द यौगिक तो होते हैं लेकिन अर्थ की दृष्टि से रूढ़ होते हैं। जैसे – जलज
अर्थ के आधार पर संज्ञा के भेद
संज्ञा के मुख्यतः पाँच भेद होते हैं।
- व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun)
- जातिवाचक संज्ञा (Common Noun)
- समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun)
- द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun)
- भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun)
व्यक्तिवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा से किसी व्यक्ति, स्थान अथवा वस्तु के नाम का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – राम, गंगा, दिल्ली आदि
जातिवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा से किसी प्राणी या वस्तु की समस्त जाति का बोध होता है,उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – घोड़ा, फूल, मनुष्य,वृक्ष आदि।
समूहवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा से किसी समूह का बोध होता है उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – सभा, परिवार, आयोग आदि
द्रव्यवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा से किसी द्रव्य (सामग्री या पदार्थ) का बोध होता है उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – सोना, चांदी, डाल, तेल आदि।
भाववाचक संज्ञा
जिस संज्ञा शब्द से किसी गुण-दोष, भाव या दशा,धर्म आदि का बोध हो उसे भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
जैसे – बुढ़ापा, मिठास, बचपन, क्रोध, प्रेम आदि।
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